#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
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*सब कुछ व्यापै राम जी, कुछ छूटा नांही ।*
*तुम तैं कहॉं छिपाइये, सब देखो मांही ॥१५॥*
टीका ~ हे राम जी ! इस शऱीर में हमको सब कुछ व्याप रहे हैं । काम आदि दोष, अहंकार, ये कुछ भी नहीं छूटे हैं अर्थात् रज, तम आदि गुणों की प्रवृत्ति और लोभ, मोह आदि विकार छूटते नहीं हैं । आप तो अन्तर्यामी रूप से सब देख रहे हो ॥१५॥
(क्रमशः)
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