रविवार, 28 अप्रैल 2024

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*वाचा बंधी जीव सब, भोजन पानी घास ।*
*आत्म ज्ञान न ऊपजै, दादू करहि विनास ॥*
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*साभार ~ @Subhash Jain*
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मैंने सुना है कि ऐसा हुआ, कि हेनरी फोर्ड और फायर स्टोन कंपनी का प्रथम मालिक फायर स्टोन, दोनों; और एक कवि हेनरी वैलेस तीनों एक पुरानी हेनरी फोर्ड की पुरानी कार में एक यात्रा पर गए थे। बीच में एक गांव पर पेट्रोल भरवाने के लिए रुके। तो हेनरी फोर्ड खुद ही गाड़ी चला रहा था। पीछे फायर स्टोन बैठा था वालेस बैठा था, जो कवि था। तीनों की बड़ी दाढ़ी और तीनों बड़े संभ्रात व्यक्ति।
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हेनरी फोर्ड ने ऐसे ही बात की बात में, जो आदमी पेट्रोल भरने आया उससे कहा, कि तुम सोच भी नहीं सकते कि तुम किसकी गाड़ी में पेट्रोल भर रहे हो ? मैं हेनरी फोर्ड हूं। हेनरी फोर्ड यानी सारी दुनिया की मोटरों का मालिक। उस आदमी ने ऐसे ही गौर से देखा और कहा हूं। उसको भरोसा नहीं आया, कि हेनरी फोर्ड यहां क्या मरने आएंगे, इस छोटे गांव में ?
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और अगर हेनरी फोर्ड ही है, तो बताने की क्या जरूरत ? वह अपना पेट्रोल भरता रहा। हेनरी हुई, कि उसने कुछ भी नहीं कहा। उसने कहा, शायद तुम्हें पता न हो कि मेरे पीछे जो बैठे हैं वे फायर स्टोन हैं–फायर स्टोन टायरों के मालिक। उस आदमी ने पीछे भी गौर से देखा और जोर से कहा हूं ! और जैसे ही हेनरी फोर्ड ने कहा कि तुम्हें शायद कल्पना भी नहीं हो सकती कि तीसरा आदमी कौन है।
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इस आदमी ने नीचे पड़ा लोहे का डंडा उठाया और कहा कि तुम मुझसे यह मत कहना, कि ये ही परमात्मा है जिन्होंने दुनिया बनाई। सिर खोल दूंगा। सभी मौजूद हैं ! एक परमात्मा ही भर मौजूद नहीं है समझो। हेनरी फोर्ड सादा आदमी था, कि उसके कपड़े देख कर कोई पहचान नहीं सकता था कि हेनरी फोर्ड हैं; न उसकी का देखकर।
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क्योंकि वह पहला माडल–टी माडल; जो उसने बनाया था, उसीमें यात्रा करता रहा जिंदगी भर। अच्छे माडल बने, अच्छी कारें आई लेकिन हेनरी फोर्ड अपने टी माडल में चलता रहा। और साधु जैसा लगता था। इसलिए तो भरोसा नहीं आया कि हेनरी फोर्ड इस गांव में क्या करेंगे ? और फिर यह वेशभूषा। सांताक्लाज हो सकते हैं लेकिन हेनरी फोर्ड ?
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सीधा आदमी था। धनी आदमी सादगी से भर जाता है। कुछ आश्चर्य नहीं, कि महावीर, बुद्ध राजपुत्र हो कर भिखारी हो गए। सिर्फ राजपुत्र ही भिखारी हो सकते हैं। भिखारी तो राजपुत्र होना चाहता है। जो तुम नहीं हो, वह तुम होना चाहते हो। जो तुम हो, वह होने की आकांक्षा चली जाती है। आदमी इसीलिए तो इतना गर्वाया फिरता है; कि जो-जो उसमें नहीं है, वह उसी कह खबर देता है। और उसके भीतर घाव छिपे हैं गर्व के।
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जिस चीज में आदमी गर्व करे, तुम समझ लेना कि वही उसकी हीनता की ग्रंथि है। उसको तुम जरा छुओ तुम पाओगे, भीतर से घाव निकल आया, मवाद बहने लगी। वह क्रोधित हो जाएगा। पंडित के ज्ञान पर शक मत करना; अन्यथा वह झगड़ने को तैयार हो जाएगा, विवाद पर उतारू हो जाएगा। गरीब आदमी के धनी होने पर संदेह मत उठाना, मान लेना। शिष्टाचार वही है। चुपचाप कह देना, कि निश्चित। आप जैसा धनी और कौन ?
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जो तुम्हारे पास है, तुम उसकी घोषणा नहीं करते। माया मोहे अर्थ देखि करि काहै कू गरवाना। भयभीत आदमी बहादुरी की बातें करता है। भयभीत आदमी हमेशा दावेदारी करता है कि मैं बड़ा वीर पुरुष हूं। मुल्ला नसरुद्दीन बहुत भयभीत आदमी है। अंधेरे में जाने में डरता है। अंधेरे में भी जाए तो पत्नी को लालटेन लेकर आगे कर लेता है।
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घर में उसके चोरी हुई। तो चोर की शिनाख्त करनी थी। तो अदालत में मजिस्ट्रेट ने पूछा कि नसरुद्दीन, तुम जाग गए थे जब चोरी हुई ? तो उसने कहा कि बिलकुल जाग गया था। तुम सीढ़ियां से नीचे उतर कर देखने आए थे कि नीचे चोर क्या कर रहा है ? बिलकुल आया था। तुम उसको चेहरा पहचान सकते हो ? नसरुद्दीन ने कहा, बिलकुल नहीं।
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तुमने उसको देखा था ? नसरुद्दीन ने कहा, कि देख नहीं पाया। तुम जागे तुम नीचे आए; उस वक्त यह आदमी मौजूद था ? था। तो मजिस्ट्रेट ने कहा, यह तो तुम पहले बात रहे हो। तुम देख क्यों नहीं पाए ? लालटेन पास थी। लालटेन भी थी। तो उसने कहा, लालटेन मेरी पत्नी के हाथ में थी। मैं पत्नी के पीछे था इसलिए देख नहीं पाया। यह डरा हुआ आदमी है।
ओशो

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