शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

= ६९ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू सो वेदन नहीं बावरे, आन किये जे जाइ ।
सब दुख भंजन सांइयाँ, ताहि सौं ल्यौ लाइ ॥
दादू औषध मूली कुछ नहीं, ये सब झूठी बात ।
जे औषध ही जीविये, तो काहे को मर जात ॥
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साभार ~ Ramgopal Goyal Rotiram

76: जब फूटी कौडी तलक, नहीं जाएगी साथ।
तो अब क्यों? जोडें इसे, पटकें इसको माथ।।
आखिर तो मरना पडे, बुढा चुका है चाम।
सो जोडें अब "नाम" धन, केवल "रोटीराम"।।

77: मृत्यु में शक मत करो, सौ प्रतिशत यह आय।
बहुतों ने कोशिश करी, Doctor लिए बुलाय।।
लेकिन कोई भी नहीं, Doctor आया काम।
प्राण पखेरू ले उडा, यम आ "रोटीराम"।।

78: बहुत गई थोडी रही, यह भी बीती जाय।
फिर भी "रोटीराम" क्यों, फिकर न रही सताय।
कि भजन बिना गर मर गया, तो न मिले नरचाम।
क्योंकि वहाँ, यम देखता, कितना लाया "नाम"।।

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