गुरुवार, 21 जून 2018

= सुन्दर पदावली(१-जकड़ी राग गौड़ी २/३) =

#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥ 
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली* 
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी, 
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविध्यालय (जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविध्यालय (चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान) 
*= १-जकड़ी राग गौड़ी =*
.
(२) 
*षवरि भईय दातार सार मोहि बूझिय रे ।* 
*इहां आवन की गैलि तोहि कस सूझिय रे ॥६॥* 
दाता को जब मेरे आने की सूचना मिली तो उसने मुझसे सर्वप्रथम यही पूछा कि तुम को मेरे यहाँ आने का मार्ग(उपाय) किसने बताया ॥६॥ 
*जाचिक बोलै बैंन सकल फिरि आयौ रे ।* 
*तोहि जैसौ कोउ अवर कहूं नहीं पायौ रे ॥७॥* 
याचक ने(मैंने) यह उत्तर दिया कि मैं सर्वत्र घूम आया, परन्तु आप जैसा दान दाता मुझे अन्यत्र कहीं नहीं मिला ॥७॥ 
*सब साहिन पर साहि नृपति पर राइय रे ।* 
*सब देवन पर देव सुन्यौं सुख्ख दाइय रे ॥८॥* 
आप सभी सम्राटों के सम्राट् तथा साधारण राजाओं की अपेक्षा महान् राजा हैं । तथा सभी देवताओं से बड़े देवता हैं । साथ ही आप सभी के सुखदाता हैं ॥८॥ 
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें