रविवार, 24 जून 2018

= सुन्दर पदावली(१-जकड़ी राग गौड़ी ३/१) =

#daduji

॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥ 
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली* 
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी, 
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविध्यालय (जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविध्यालय (चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान) 
*= १-जकड़ी राग गौड़ी =*
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(३) 
*ताहि न जग ध्यावई, जातैं सब सुख आनंद होइ रे ।* 
*आन देव कौं ध्यावतैं, सुख नहिं पावै कोइ रे ॥(टेक)* 
यह संसार उस प्रभु का ध्यान क्यों नहीं करता जिससे सर्वविध सुख एवं आनन्द की प्राप्ति होती है ॥ अन्य देवताओं के ध्यान एवं पूजापाठ से कोई सुख प्राप्त होने वाला नहीं है ॥टेक॥ 
*कोई शिव ब्रह्मा जपै रे कोई विष्णु अवतार ।* 
*कोई देवी देवता इहां उरझ रह्यौ संसार ॥१॥* 
कोई साधक शिव का जप करता है तो कोई अवतारी विष्णु का कोई अन्य देवी देवताओं का । इस प्रकार यह समस्त संसार देवी देवताओं के चक्र में उलझा पड़ा है ॥१॥ 
(क्रमशः)

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