卐 सत्यराम सा 卐
*दादू देखौं निज पीव को, दूसर देखौं नांहि ।*
*सबै दिसा सौं सोधि करि, पाया घट ही मांहि ॥*
*दादू देखौं निज पीव को, और न देखौं कोइ ।*
*पूरा देखौं पीव को, बाहिर भीतर सोइ ॥*
*दादू देखौं निज पीव को, देखत हि दुख जाइ ।*
*हूँ तो देखौं पीव को, सब में रह्या समाइ ॥*
*दादू देखौं निज पीव को, सोई देखन जोग ।*
*परगट देखौं पीव को, कहाँ बतावैं लोग ॥*
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