रविवार, 1 जुलाई 2018

= शूरातन का अँग(२४ - १९/२१) =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
*"श्री दादू अनुभव वाणी"* टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*शूरातन का अँग २४*
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*जीवित - मृतक*
राम कहेगा एक को, जे जीवित - मृतक होइ ।
दादू ढूंढे पाइये, कोटी मध्ये कोइ ॥१९॥
१९ में कहते हैं - जीवन्मुक्त दुर्लभ है, जीवितावस्था में शव समान निर्द्वन्द्व होकर राम - भजन करने वाला कोई विरला ही मिलेगा । खोजने पर संभव है, करोड़ों व्यक्तियों में कोई एक मिल जाय ।
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*शूर सती साधु निर्णय*
शूरा पूरा सँत जन, सांई को सेवे ।
दादू साहिब कारणे, शिर अपना देवे ॥२०॥
२० - २२ में साधक शूर का परिचय दे रहे हैं, पूरे शूर सँतजन ही परमात्मा की प्राप्ति के लिये अपना अहँकार रूप शिर उतारकर परमात्मा की भक्ति करते हैं ।
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शूरा झूझे खेत में, सांई सन्मुख आइ ।
शूरे को सांई मिले, तब दादू काल न खाइ ॥२१॥
साधक - शूर साधन - संग्राम द्वारा अहँकारादि को नष्ट करके परमात्मा के सन्मुख आता है । जब साधक - शूर को परमात्मा मिल जाते हैं तब उसे काल नहीं खाता, वह परमात्मा से ही मिल जाता है ।
(क्रमशः)

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