#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
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कोई नहिं करतार बिन, प्राण उधारणहार ।
जियरा दुखिया राम बिन, दादू इहिं सँसार ॥४९॥
भगवत्
- साक्षात्कार के बिना इस सँसार में प्राणी परम दु:खी है, कारण, जन्मादि दु:खों से प्राणी को मुक्त कराने वाला
भगवान् के बिना अन्य कोई भी नहीं है ।
(क्रमशः)
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