बुधवार, 17 अप्रैल 2019

(हनुमान चालीसा - ३४)


🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*शरण तुम्हारी अंतर वास,*
*चरण कमल तहँ देहु निवास ॥*
*अब दादू मन अनत न जाइ,*
*अंतर वेधि रह्यो ल्यौ लाइ ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ पद्यांश. १९)*
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*राम नाम लेखन कला संयोजन* ~ Shobha Jayprakash Atal
(हनुमान चालीसा - ३४)
*अन्त काल रघुबर पुर जाई,*
*जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥३४॥*
अर्थ - अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते हैं और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलाएंगे।

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