सोमवार, 15 अप्रैल 2019

(हनुमान चालीसा - ३१)

🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*वाहला माहरा !*
*अठ सिधि नौ निधि आँगणें,* 
*परम पदारथ चार, माहरा वाहला रे ।* 
*दादू जन देखे नहीं, रातो सिरजनहार,* 
*माहरा वाहला रे ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ पद्यांश. ४०९)*
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*राम नाम लेखन कला संयोजन* ~ Shobha Jayprakash Atal
(हनुमान चालीसा - ३१)
*अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,*
*अस बर दीन जानकी माता॥३१॥*
अर्थ - आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते हैं।
१.) अणिमा- जिससे साधक किसी को दिखाई नहीं पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ में प्रवेश कर जाता है।
२.) महिमा- जिसमें योगी अपने को बहुत बड़ा बना देता है।
३.) गरिमा- जिससे साधक अपने को चाहे जितना भारी बना लेता है।
४.) लघिमा- जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन जाता है।
५.) प्राप्ति- जिससे इच्छित पदार्थ की प्राप्ति होती है।
६.) प्राकाम्य- जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी में समा सकता है, आकाश में उड़ सकता है।
७.) ईशित्व- जिससे सब पर शासन का सामर्थ्य हो जाता है।
८.) वशित्व- जिससे दूसरों को वश में किया जाता है।

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