बुधवार, 30 जुलाई 2014

= स. त. ३०-३१ =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
*श्री सन्त-गुण-सागरामृत श्री दादूराम कथा अतिपावन गंगा* ~
स्वामी माधवदास जी कृत श्री दादूदयालु जी महाराज का प्राकट्य लीला चरित्र ~
संपादक-प्रकाशक : गुरुवर्य महन्त महामण्डलेश्‍वर संत स्वामी क्षमाराम जी ~
.
*(“सप्तदशी तरंग” २७-२९)*
.
*इन्दव छन्द*
*श्री दादूजी रमणी में*
प्रीति करीजन ग्राम तिलणिस, 
स्वामि कुं पूजत सेवक भूरा ।
रेवति में संतदास बड़े जन, 
आप पधारत पंथ हजूरा ।
राणि जु ग्रामहिं राघव उद्धव, 
सेवक संत गये दुख दूरा ।
कोदु हिं रामजुदास कछावह, 
अम्बुज पाद गहे सत शूरा ॥३०॥ 
गूलर ग्राम से पधारने पर स्वामीजी का तिलाणिस ग्राम में सेवकों ने अत्यन्त प्रीतिभाव से सत्कार किया, भूरादास ने श्रद्धासहित सेवा की । रेवती ग्राम में बड़े संतदास जी ने राणी ग्राम में माधवदास, उद्धवदास ने संत सेवा करके अपना कल्याण मार्ग प्रशस्त किया । कोदू ग्राम में रामदास कछावा ने गुरुचरणों की सेवा करके सत्यमार्ग की शूरता का निश्‍चय किया ॥३०॥ 
.
*तोषीणा शोपुर पधारे*
राव सुनी चरचा परचा जन, 
बाजत है चहुं नाम निशाने ।
भादव मानहि सिंह रणेड़ जु, 
पाद - सरोज गहे गुन गाने ।
राघवदास तोषीण चोहान जु, 
सेवक संत सबै सनमाने ।
ताँ पुर वासर सात रहे जन, 
होत विदा गुरु श्योपुर आने ॥३१॥ 
संत श्री दादूजी के परचों की चर्चा सुनकर यादव ग्राम के ठाकुर राव मानसिंह ने गाजे बाजों से संतों का स्वागत करके सेवाभक्ति प्रदर्शित की, गुणगान किया । तोषीणा ग्राम में राघवदास चौहान ने संतों की सेवा की, वहाँ सात दिवस रह कर संत मंडली श्योपुर ग्राम में पधारी ॥३१॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें