रविवार, 8 फ़रवरी 2015

= ११४ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
देवै किरका दरद का, टूटा जोडै तार ।
दादू सांधै सुरति को, सो गुरु पीर हमार ॥
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गुरु चरण कमल ~
पतंग अकेली आकाश में नहीं चढ़ सकती और न डोरी ही अकेली आकाश में जाती है | दि फेंकोगे तो वापस जमीन पर गिर जायेगी परंतु जब कोई दोनों की गाँठ लगा देता है तो पतंग और डोरी आकाश में चढ़ जाती है | ऐसे ही सुरति को उपर चढ़ाने के दो उपाय है | एक प्रकाश और दूसरा अनहद |सुरति और शब्द की गाँठ लगाने वाला गुरु है | शब्द भी सबके अंदर है और सुरति भी सबके अंदर है परंतु जब तक गाँठ न लगे सुरति उपर को नहीं चढ़ सकती | जब अंदर का भेदी गुरु मिल जायेगा तो वह तत्काल सुरति और शब्द को मिला देगा |
-- श्री हंस जी महाराज

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