रविवार, 31 जनवरी 2016

= २६ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
ये दिन बीते चल गये, वे दिन आये धाइ ।
राम नाम बिन जीव को, काल गरासै जाइ ॥
जे उपज्या सो विनश है, जे दीसै सो जाइ ।
दादू निर्गुण राम जप, निश्चल चित्त लगाइ ॥
जे उपज्या सो विनश है, कोई थिर न रहाइ ।
दादू बारी आपणी, जे दीसै सो जाइ ॥
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साभार ~ नरसिँह जायसवाल ~

बारी पारी आपने, चले पियारे मीत।
तेरी बारी जीयरा, नियरै आवै नीत ॥ ९१ ॥

बारी-बारी से समय आने पर तेरे सभी मित्र-बंधु,
रिश्तेदार आदि इस संसार को छोड़कर जा रहे हैं,
अब जल्दी ही तेरी बारी भी आनेवाली है।

इसलिए तू सचेत हो जा और अपना बचा हुआ
जीवन सुधार ले।

संत कबीरदास !

सौजन्य -- १००८ कबीरवाणी ज्ञानामृत !

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