शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

= १८ =

卐 सत्यराम सा 卐
दादू जब लग राम है, तब लग सेवक होइ ।
अखंडित सेवा एक रस, दादू सेवक सोइ ॥ 
दादू जैसा राम है, तैसी सेवा जाणि ।
पावेगा तब करेगा, दादू सो परमाणि ॥ 
सांई सरीखा सुमिरण कीजे, सांई सरीखा गावै ।
सांई सरीखी सेवा कीजे, तब सेवक सुख पावै ॥

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