बुधवार, 27 जनवरी 2016

= १३ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू तन तैं कहाँ डराइये, जे विनश जाइ पल बार ।
कायर हुआ न छूटिये, रे मन हो हुसियार ॥
दादू मरणा खूब है, मर माहीं मिल जाइ ।
साहिब का संग छाड़ कर, कौन सहै दुख आइ ॥
सबै कसौटी शिर सहै, सेवक सांई काज ।
दादू जीवन क्यों तजै, भाजे हरि को लाज ॥

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