गुरुवार, 18 मई 2017

= विन्दु (२)१०० =

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू चरितामृत(भाग-२)* 
लेखक ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*= विन्दु १०० =*
*= श्री दादू स्वरूप दादूवाणी के आगे प्रार्थना =* 
गरीबदासजी ने कहा - कि सब संत तथा सेवक जन हम सबने मिलकर समाज की भविष्य के लिये रूप-रेखा नियत करी है, उसीके अनुसार हम सब बर्ताव करते हुये रहैं और प्रतिवर्ष वार्षिक मेले में अवश्य पधारैं । अब जिन संतों को जाना हो वे जा सकते हैं और जिनको यहां विराजना हो वे निश्चिन्त विराजैं, उनको यहां कोई कष्ट न होगा । फिर सब ने एक स्वर से बल पूर्वक श्री दादूदयालुजी की जय जय ध्वनि की और भोजन करके जिनको रमना था वे पालकाजी को दंडवत करके तथा गरीबदासजी महाराज को दंडवत करके और उनसे आज्ञा माँग करके इच्छानुसार विचर गये । शेष वहां ही ठहर गये । 
= इति श्री दादूचरितामृत विन्दु १०० समाप्तः । = 
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*= इति श्री पूज्य चरण स्वामी धनाराम शिष्य स्वामी नारायणदास कृत दादूचरितामृत समाप्तः । =*
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