शनिवार, 27 मई 2017

= गुरुसम्प्रदाय(ग्रन्थ १०/७-८) =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
https://www.facebook.com/DADUVANI
.
*= गुरुसम्प्रदाय(ग्रन्थ १०) =*
.
*तिनि के चरननि नायौ माथा ।*
*उनि दीयौ मेरैं सिर हाथा ।*
*स्वामी दादू गुरु है मेरौ ।*
*सुन्दरदास शिष्य तिनि केरौ ॥७॥*
उनके पवित्र चरणकमलों में मैंने अपना सिर नवाया । और उनहोंने प्रसन्न होकर मेरे सिर पर आशीर्वचन के रूप में अपना करकमल रखा । इस तरह श्रीदादूदयालुजी महाराज मेरे गुरुदेव हैं । मैं सुन्दरदास उनका शिष्य हूँ ॥७॥
.
*= श्री दादूजी के गुरु का नाम =*
*दादूजी को गुरु अब सुनिये ।*
*बहुत भांति तिनिके गुन गुनिये ।*
*दादूजी कौं दरसन दीन्हौ ।*
*अकस्मात काहूँ नहीं चीन्हौं ॥८॥*
अब श्रीदादूजी के गुरु कौन थे ? उनका पवित्र नाम सुनिये । वे मेरे परमगुरु बहुत गुणवान् थे । उन्होंने श्रीदादूदयालजी महाराज को उनके बचपन में ही एक साधारण वृद्ध के रूप में एक दिन अचानक दर्शन दिया । उस समय उन्हें कोई नहीं पहचान सका ॥८॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें