मंगलवार, 2 मई 2017

= अद्भुत उपदेश(ग्रन्थ ८/४६-७) =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
https://www.facebook.com/DADUVANI
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*= अद्भुत उपदेश(ग्रन्थ ८) =*
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*चरमूं हरि के मिलन की, रुचि राखै सब जाम ।*
*तब ही भागै स्पर्श ठग, सरहिं सकल बिधि काम ॥४६॥*
"सब से छोटे पुत्र चरमू को ऐसा बनावो कि उसकी निरन्तर हरिचरणो को स्पर्श करने में रुचि पैदा हो । तब उसका शत्रु स्पर्श ठग उससे डर कर दूर हट जायगा । इस तरह तुम्हारे सभी कार्य सिद्ध होंगे और तुम फिर से सुख का जीवन बिता सकोगे ॥४६॥
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*या उपाय करि छूटिये, उपजै सुख सन्तोख ।*
*पुत्र पिता मिलि हरि भजहु, पावहु जीवन मोख ॥४७॥*
"इस मेरे बताये उपाय से तुम संकट से छुटकारा पा जाओगे । और सुख सन्तोष से जीवन यापन कर सकोगे । यदि तुम पिता और पुत्र मिल कर भगवान् का भजन करो तो मोक्ष पाना भी तुम्हारे लिये कठिन नहीं होगा" ॥४७॥
(क्रमशः)

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