शनिवार, 12 मई 2018

= बारहमासो(ग्रन्थ ३५ - १०) =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
*https://www.facebook.com/DADUVANI*
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*= बारहमासो(ग्रन्थ ३५) =*
*= पौष मास =*
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*पोस मास की राति पीव बिन क्यौं कटै ॥* 
*तलफि तलफि जिय जाय करेजा अति फटैं ॥* 
*सूंनी सेज संताप सहै सो बाबरी ॥*
*(परि हां) सुन्दर काढौं प्राण* 
*सु अबहिं उतावरी ॥१०॥*
पौष महीने की लम्बी रात्रि प्रियतम के बिना कैसे कट सकती है ? उसके बिना तड़पते-तड़पते मेरा कलेजा मुँह को आ रहा  है, और हृदय उसके वियोग में फटा जा रहा है । उस पतिव्रता को पागल ही समझाना चाहिये जो पति के बिना अकेले सेज पर सोती हुई विरह-व्यथा सहन करती रहती है । इससे तो अच्छा हो कि कोई जल्दी से जल्दी उसका गला घोटकर प्राण ले ले ।(यह उसके लिये अधिक सुखकर होगा ।) ॥१०॥ 
(क्रमशः)

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