रविवार, 15 जुलाई 2018

= शूरातन का अँग(२४ - ४७/४८) =

#daduji


卐 सत्यराम सा 卐
*"श्री दादू अनुभव वाणी"* टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*शूरातन का अँग २४*
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दादू मरणे थीं तूँ मत डरे, मरणा अंत निदान । 
रे मन मरणा सिरजिया, कहले केवल राम ॥४७॥ 
अरे मन ! मरणे से तू मत डर, मरणा तो अंत में निश्चित ही है । वह तो जन्म के समय ही नियत हो चुका था । जो जन्मता है, वह अवश्य मरता है । अत: माया रहित परब्रह्म का चिन्तन कर, यही तेरा कर्त्तव्य है । 
दादू मरणे थीं तूँ मत डरे, मरणा पहुंच्या आइ । 
रे मन मेरा राम कह, बेगा बार न लाइ ॥४८॥ 
अरे मेरे मन ! तू मरणे से मत डर, मरणा तो पास ही आ पहुंचा है, अब शीघ्र ही राम का भजन करने में लग जा, देर मत कर ।
(क्रमशः)

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