शनिवार, 11 अगस्त 2018

(१९)

卐 सत्यराम सा 卐
*शूरा होइ सुमेर उलंघै, सब गुण बँध्या छूटै ।*
*दादू निर्भय ह्वै रहे, कायर तिणा न टूटै ॥*
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*राघवयादवीयम्* ~ लेखक *श्री वेंकटाध्वरी*
साभार सौजन्य ~ मुदित मिश्र विपश्यी(हिंदी/अंग्रेजी अनुवाद)
अंग्रेजी अनुवाद ~ डा. सरोजा रामानुजम, M.A., Ph.d, Siromani in Sanskrit 
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(१९)
*श्री रामलीला*(अनुलोम)
गोद्युगोमस्वमायोभूदश्रीगखरसेनया ।
सहसाहवधारोविकलोराजदरातिहा ॥१९॥
पृथ्वी व स्वर्ग के सुदूर कोने तक व्याप्त कीर्ति के स्वामी राम द्वारा खर की सेना को श्रीविहीन परास्त करने से, उनकी एक गौरवशाली, निडर, शत्रु संहारक के रूप में शालीन छवि चमक उठी ॥१९॥
Rama, fighting incessantly with the army of Khara which lost its glory, shone as the vanquishing hero of enemies, undaunted, unostentatious and his fame spreading to the farthest corner of heaven and earth.(19) 
(१९) 
*श्री कृष्णलीला*(विलोम)
हातिरादजरालोकविरोधावहसाहस ।
यानसेरखगश्रीद भूयोमास्वमगोद्युगः ॥१९॥
हे(कृष्ण), सर्वकामनापूर्ति करने वाले देवों के गर्व का शमन करने वाले, जिनका वाहन वेदात्मा गरुड़ है, जो वैभव प्रदाता श्रीपति है, जिन्हें स्वयं कुछ ना चाहिए, आप इस दिव्य वृक्ष को धरती पर ना ले जाएँ ॥१९॥
(Indra requested) Krishna, who has Garuda as your vehicle and who has the velour to put out the glory of devas, who is the giver of wealth, do not take away the celestial tree from the heaven.(19)
(क्रमशः)

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