#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
निगुणा - अँग के अनन्तर भगवदनुग्रहार्थ भगवान् से विनय करने के लिए "विनती का अँग" कहने में प्रवृत्त हुये मँगल कर रहे हैं -
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दादू नमो नमो निरंजनँ, नमस्कार गुरुदेवत: ।
वन्दनँ सर्व साधवा, प्रणामँ पारँगत: ॥१॥
जिनकी कृपा से प्राणी भगवद् भक्ति युक्त हो भगवद् विनय द्वारा निर्दोष होकर परब्रह्म को प्राप्त होता है, उन निरंजन राम, सद्गुरु और सर्व सँतों को हम अनेक प्रणाम करते हैं ।
(क्रमशः)
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