मंगलवार, 26 मार्च 2019

(हनुमान चालीसा - ४)

🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷

🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*अगम अगोचर अपार अपरम्परा,*
*को यहु तेरे चरित न जानैं ।*
*ये शोभा तुमको सोहे सुन्दर,*
*बलि बलि जाऊँ दादू न जानैं ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ पद्यांश. ९२)*
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*राम नाम लेखन कला संयोजन* ~ Shobha Jayprakash Atal
(हनुमान चालीसा - ४)
*कंचन बरन बिराज सुबेसा,*
*कानन कुण्डल कुंचित केसा॥४॥*
अर्थ- आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।

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