गुरुवार, 26 नवंबर 2020

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🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
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*दादू माया फोड़े नैन दोइ, राम न सूझै काल ।*
*साधु पुकारैं मेरू चढ़, देखि अग्नि की झाल ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ माया का अंग)*
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साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी 
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*#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु*, *अन्याय*
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द्रोपदीजी का चीर हरते समय भीष्म, कृत, द्रोणाचार्य आदि विद्वानों ने भी दुष्ट दु:शासन को नहीं रोका कारण दुर्योधन अन्यायी राजा था । इसलिये उन्हें वह बात ही नहीं फुरी । भगवान पर तो किसी अन्यायी का प्रभाव पङता नहीं इसलिए उनने द्रोपदीजी की लाज रख ली और दुष्ट को लज्जित कर दिया ।
अन्यायी की सभा में, न्यायी भी चुप होय ।
चीर हरत रोक न सके, भीष्मादिक बुध कोय ॥१३८॥

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