शुक्रवार, 4 मार्च 2022

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🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
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*मीन मगन मांहीं रहैं, मुदित सरोवर मांहिं ।*
*सुख सागर क्रीड़ा करैं, पूरण परिमित नांहिं ॥*
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साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
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श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु --- *॥वात्सल्य भक्ति॥*
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*॥ अपना प्रताप दिखा कर भी भगवान् वात्सल्य भक्त से बँध जाते हैं ॥*
वात्सल्य जन से बँधे, दिखला परम प्रताप ।
नन्दरानि के कर बँधे, उखल से हरि आप ॥२४२॥
दृष्टांत कथा - नन्द रानी यशोदा जब कृष्ण को उखल से बाँधने लगी तब बहुत-सी रस्सियें जोड़ने पर भी रस्सी दो अंगुल छोटी ही रहती गई । फिर यशोदा को जब लज्जित और परिश्रम से खिन्न देखा तब तुरन्त बँध गये । इससे सूचित होता है कि भगवान् अपना प्रताप दिखा करके भी वात्सल्य भक्तों से बँध जाते हैं ।

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