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स्वर ~ संत श्री मन्नादास जी, लालसोट, राजस्थान(भारत)
प्रेरणा प्रवाह ~ गुरुवर्य महंत महामंडलेश्वर संत श्री १०२ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*श्री दादू पञ्च धाम*
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३७७. आशीर्वाद । षड़ताल (#श्रीदादूवाणी)
धन्य धन्य तूँ धन्य धणी, तुम्ह सौं मेरी आइ बणी ॥टेक॥
धन्य धन्य तूँ तारे जगदीश, सुर नर मुनिजन सेवैं ईश ।
धन्य धन्य तूँ केवल राम, शेष सहस्र मुख ले हरि नाम ॥१॥
धन्य धन्य तूँ सिरजनहार, तेरा कोई न पावै पार ।
धन्य धन्य तूँ निरंजन देव, दादू तेरा लखै न भेव ॥२॥
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