#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
*एक शब्द सब कुछ कह्या, सतगुरु सिष समझाइ ।*
*जहॉं लाया तहँ लागै नहीं, फिर फिर बूझै आइ ॥*
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साभार : सनातन धर्म एक ही धर्म ~
अल्प तो अवधि जीव तामे बहु सोच पोच,
करिबे कहँ बहुत है पै काह काह कीजिये ॥
पार न पुराणन को वेद हू को अंत नहीं,
बानी तो अनेक मन कहाँ कहाँ दीजिये ॥
काव्य की कला अनंत छंद को प्रबंध बहु,
राग तो रसीले रस कहाँ कहाँ पीजिये ॥
सब बातन की एक बात तुलसी बताये जात,
जनम जो सुधारा चाहो तो "राम" नाम लीजिये ॥
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