बुधवार, 6 नवंबर 2013

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#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
*एक शब्द सब कुछ कह्या, सतगुरु सिष समझाइ ।* 
*जहॉं लाया तहँ लागै नहीं, फिर फिर बूझै आइ ॥* 
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साभार : सनातन धर्म एक ही धर्म ~ 

अल्प तो अवधि जीव तामे बहु सोच पोच, 
करिबे कहँ बहुत है पै काह काह कीजिये ॥ 
पार न पुराणन को वेद हू को अंत नहीं, 
बानी तो अनेक मन कहाँ कहाँ दीजिये ॥ 
काव्य की कला अनंत छंद को प्रबंध बहु, 
राग तो रसीले रस कहाँ कहाँ पीजिये ॥ 
सब बातन की एक बात तुलसी बताये जात, 
जनम जो सुधारा चाहो तो "राम" नाम लीजिये ॥

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