#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
ईश्वर समर्थाई
दादू जे हम चिन्तवैं, सो कछु न होवै आइ ।
सोई कर्त्ता सत्य है, कुछ औरै कर जाइ ॥१४॥
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! जो हम तो मन में कुछ और ही कार्य करने का संकल्प करें और वह समर्थ उससे विपरीत करके दिखा दे, तो फिर हमारा किया तो कुछ भी नहीं होता । समर्थ का ही किया सब कुछ होता है । तो वह समर्थ ही सत्य है । हम और हमारा सब मिथ्या है ॥१४॥
(समर्थ का अंग ~ श्री दादूवाणी)
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साभार : Sadhna Tiwari ~
हे पार्थ, तू पिछले लेट प्रमोशन का पश्चाताप न कर
तू अगले प्रमोशन की प्रतीक्षा भी मत कर !!
तू बस अपनी करेंट पोस्टिंग से ही संतुष्ट रह
तू जब नहीं था तब भी ये ऑफिस चल रहा था
तू जब नहीं होगा तब भी ये चलता रहेगा !!
जो कम्प्यूटर आज तेरा है कल ये किसी और का था
और परसों किसी और का होगा !!
तू इसे अपना समझ के मगन हो रहा है
यही तेरे समस्त दुखों का कारण है !!
Apraisal incentive, promotion, increment .........
सब मिथ्या है, भ्रम है इसे अपने मन से निकाल दे
फिर तुम इस ऑफिस के और ये ऑफिस तुम्हारा है ......
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