डाल पान फल फूल सब, दादू न्यारे नांहि ॥
दादू टीका राम को, दूसर दीजे नांहि ।
ज्ञान ध्यान तप भेष पक्ष, सब आये उस मांहि ॥
साधू राखै राम को, संसारी माया ।
संसारी पल्लव गहै, मूल साधू पाया ॥
दादू जे कुछ कीजिये, अविगत बिन आराध ।
कहबा सुनबा देखबा, करबा सब अपराध ॥
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