शनिवार, 26 अप्रैल 2014

= १०९ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू निंदक बपुरा जनि मरै, पर उपकारी सोइ ।
हम को करता ऊजला, आपण मैला होइ ॥ 
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जो शांति प्रतिकूल परिस्थितियों में न टिके, वह कोई शांति नहीं है वह आदमी आपका सहयोगी है, जो आप पर क्रोध को प्रकट करे। वह आदमी आपका सहयोगी है, जो आपकी निंदा कर जाए।वह आदमी आपका सहयोगी है, जो आप पर कीचड़ उछालता हो। वह आदमी भी आपका सहयोगी है, जो आपके रास्ते पर काँटे बिछा दे, क्योंकि वह भी एक मौका है और परीक्षा है। और चाहें उससे पार हो जाएँ, तो आपके मन में उसके प्रति इतना ऋण होगा, जिसका हिसाब नहीं है। साधु जो नहीं सिखा सकते हैं, इस जगत में शत्रु सिखा सकते हैं।

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