#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
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*राखणहारा राख तूँ , यहु मन मेरा राखि ।*
*तुम बिन दूजा को नहीं, साधू बोलैं साखि ॥१७॥*
टीका ~ हे परमेश्वर ! इस हमारे मन को गुण विकारों से रहित करके शुद्ध बनाइये । आपके बिना और दूसरा कोई भी नहीं है, जो इस हमारे मन को शुद्ध कर सके । इस बात की सभी साधु साख(साक्षी) देते हैं ॥१७॥
(क्रमशः)
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