गुरुवार, 26 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२२ क)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
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*विनती*
*सांई सत संतोष दे, भाव भक्ति विश्‍वास ।*
*सिदक सबूरी साँच दे, माँगे दादू दास ॥२२ क॥* 
टीका ~ हे परमेश्‍वर ! आपसे हम यह प्रार्थना करते हैं कि आप सत्य - स्वरूप हो । ऐसा ही आपके सत्य - स्वरूप का दर्शन देओ । आपके नाम में प्रेम और मायिक पदार्थों से हमें संतोष देओ । आपका अखंड भाव और अखंड भक्ति देओ और हमको आपमें अटल विश्‍वास देओ । सिदक, सबूरी और सांच देओ । हम आपके दास, आपसे यही मंगनी मांगते हैं । अर्थात् हे प्रभु ! संत संतोष आदि के द्वारा जिज्ञासुजनों की वृत्ति को आपकी भक्ति में एकाग्र करके अपनी अनन्य शरण दीजिये । यही हमारी आपसे विनय है ॥२२ क॥
(क्रमशः)

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