शुक्रवार, 27 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२३)


#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
*साँई संशय दूर कर, कर शंका का नाश ।* 
*भान भ्रम दुविध्या दुख दारुण, समता सहज प्रकाश ॥२३॥* 
टीका ~ हे साँई परमेश्वर ! हमारे अन्तःकरण से संशय, अज्ञान और अश्रद्धा, इनको दूर कर । भ्रम पांच प्रकार का, द्वैतभाव और सम्पूर्ण बड़े - बड़े दुःख, जन्म - मरण आदि नाश करके, समता कहिए समदृष्टि अर्थात् आत्म - दृष्टि का प्रकाश करो । यही आपसे हमारी विनती है ॥२३॥
(क्रमशः)

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