शनिवार, 28 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२४)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
*दया विनती*
*नांही प्रकट ह्वै रह्या, है सो रह्या लुकाइ ।* 
*संइयाँ पड़दा दूर कर, तूँ ह्वै प्रकट आइ ॥२४॥* 
टीका ~ माया और माया का कार्य संसार, स्वरूप से सत्य नहीं है, वह तो प्रतीत हो रहा है । और सत् चित् आनन्द स्वरूप जो आत्मा है, वह छुप रहा है । हे परमेश्वर ! इस अविद्या रूप पड़दे को दूर करके, आप आत्मा रूप से प्रकट होइये ॥२४॥
(क्रमशः)

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