सोमवार, 30 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२६)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
*दया करै तब अंग लगावै, भक्ति अखंडित देवै ।*
*दादू दर्शन आप अकेला, दूजा हरि सब लेवै ॥२६॥* 
टीका ~ ब्रह्मऋषि दादूदयाल महाराज कहते हैं कि परमेश्वर अपने निष्काम अनन्य भक्तों पर दया करके, अखंड लय रूप भक्ति के द्वारा, अपने स्वरूप में लगाते हैं । और फिर अपना साक्षात्कार कराके, सब प्रकार के भेदभाव की वृत्तियों का निवारण करते हैं ॥२६॥
(क्रमशः)

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