बुधवार, 18 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(१९)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
*साँई दीजे सो रति, तूँ मीठा लागे ।*
*दूजा खारा होइ सब, सूता जीव जागे ॥१९॥*
टीका ~ हे प्रभु ! आप कृपा करके, वही ज्ञान - विचार रूप रति, कहिये रुचि देओ, जिससे मोह रूप निद्रा से यह जीव जागकर आपमें अनुरक्त रहे, और ‘दूजा खारा होइ सब’ कहिए, मानसिक विकार, काम, क्रोध आदि एवं इन्द्रियों के शब्द - स्पर्श आदि विषय, ये सब खारे लगने लगें और सचेत होकर आत्म - चिन्तन में लगें । ऐसी कृपा करिए ॥१९॥
(क्रमशः)

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