मंगलवार, 1 जुलाई 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२७)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
.
*बिनती का अंग ३४*
दादू साध सिखावैं आत्मा, सेवा दिढ कर लेहु ।
पारब्रह्म सौं विनती, दया कर दर्शन देहु ॥२७॥ 
टीका ~ मुक्त - पुरुष उत्तम जिज्ञासुओं को उपदेश करते हैं कि हे साधक पुरुषों ! परमेश्वर की निष्काम भक्ति रूप सेवा दृढ़ निश्चय से करिये और फिर उस परब्रह्म से विनती करो कि हे प्रभु ! आप हम पर दया करके, आपका दर्शन दीजिये ॥२७॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें