गुरुवार, 3 जुलाई 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२९)

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
.
*बिनती का अंग ३४*
.
*सब जीव तोरैं राम सौं, पै राम न तोरे ।*
*दादू काचे ताग ज्यों, टूटै त्यों जोरे ॥२९॥* 
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! बहिर्मुख सम्पूर्ण संसारिक जीव, राम से अपनी सुरति तोड़कर, संसार से जोड़ते हैं, परन्तु राम अपने भक्तों से अपना स्नेह नहीं तोड़ते हैं । जैसे कच्चे सूत का तार टूट जाय, तो उसको कातने वाला तत्काल जोड़ लेता है, वैसे ही राम के भक्त किसी कारण टूटी हुई वृत्ति को विचार द्वारा फिर से राम में जोड़ लेते हैं । अथवा राम सम्पूर्ण जीवों को अपना अंश जानकर, उनसे अपना स्नेह नहीं तोड़ते हैं ॥२९॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें