सोमवार, 7 जुलाई 2014

दादू बिगसि बिगसि

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू बिगसि बिगसि दर्शन करै, 
पुलकि पुलकि रस पान ।
मगन गलित माता रहै, 
अरस परस मिलि प्राण ॥
दादू देखि देखि सुमिरण करै, 
देखि देखि लै लीन ।
देखि देखि तन मन विलै, 
देखि देखि चित्त दीन ॥
दादू निरखि निरखि निज नाम ले, 
निरखि निरखि रस पीव ।
निरखि निरखि पिव कौं मिलै, 
निरखि निरखि सुख जीव ॥

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