मंगलवार, 8 जुलाई 2014

रोम-रोम रस प्यास है

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
रोम-रोम रस प्यास है, दादू करहि पुकार ।
राम घटा दल उमंग कर, बरसहु सिरजनहार ॥
प्रीति जु मेरे पीव की, पैठी पिंजर मांहि ।
रोम-रोम पीव-पीव करै, दादू दूसर नांहि ॥

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