#daduji
||दादूराम सत्यराम||
करुणा
तुम को भावै और कुछ, हम कुछ किया और ।
मिहर करो तो छूटिये, नहीं तो नांहीं ठौर ॥ ७९ ॥
टीका ~ हे परमेश्वर ! आपको तो सरलता, निश्छलता, निष्कपटता, प्रेमभाव, प्रेमाभक्ति इत्यादिक सद्गुणयुक्त भक्त प्रिय लगते हैं और हमने तो हे दयालु ! इनके विपरीत ही काम किए हैं । आप हमारे ऊपर दया करोगे, तभी हमारा जन्म - मरण आदि दुःखों से छुटकारा होगा, नहीं तो हमको कहीं भी ठिकाना नहीं हैं ॥ ७९ ॥
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