शनिवार, 23 अगस्त 2014

= ६४ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
इक लख चन्दा आण घर, सूरज कोटि मिलाय । 
दादू गुरु गोविन्द बिन, तो भी तिमिर न जाय ॥ 
अनेक चंद उदय करै, असंख्य सूर प्रकास । 
एक निरंजन नांव बिन, दादू नहीं उजास ॥ 
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साभार : Tanuja Thakur ~ How do we annihilate internal darkness 

शास्त्र वचन : 
उद्यन्तु शतमादित्या उद्यन्तु शतमिन्दवः । 
न विना विदुषां वाक्यैर्नश्यत्याभ्यन्तरं तमः ॥
– सभारञ्जन शतक 
अर्थ : चाहे सौ सूर्य उदित हो जाये, या सौ चंद्रमा, परंतु बिना ज्ञानीके शब्द सुने आंतरिक अंधकार दूर नहीं हो सकता | 
Meaning : 
May a hundred suns rise, may (there) rise hundred moons. (But) without listening to the words of the wise men, the internal darkness can not be annihilated ! —

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