#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
इक लख चन्दा आण घर, सूरज कोटि मिलाय ।
दादू गुरु गोविन्द बिन, तो भी तिमिर न जाय ॥
अनेक चंद उदय करै, असंख्य सूर प्रकास ।
एक निरंजन नांव बिन, दादू नहीं उजास ॥
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साभार : Tanuja Thakur ~ How do we annihilate internal darkness
शास्त्र वचन :
उद्यन्तु शतमादित्या उद्यन्तु शतमिन्दवः ।
न विना विदुषां वाक्यैर्नश्यत्याभ्यन्तरं तमः ॥
– सभारञ्जन शतक
अर्थ : चाहे सौ सूर्य उदित हो जाये, या सौ चंद्रमा, परंतु बिना ज्ञानीके शब्द सुने आंतरिक अंधकार दूर नहीं हो सकता |
Meaning :
May a hundred suns rise, may (there) rise hundred moons. (But) without listening to the words of the wise men, the internal darkness can not be annihilated ! —
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