साधु जन संसार में
#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू पूरणहारा पूरसी, जो चित रहसी ठाम ।
अन्तर तैं हरि उमग सी, सकल निरंतर राम ॥
पूरक पूरा पास है, नाहीं दूर, गँवार ।
सब जानत हैं, बावरे ! देबे को हुसियार ॥
दादू चिन्ता राम को, समर्थ सब जाणै ।
दादू राम संभाल ले, चिंता जनि आणै ॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें