रविवार, 26 अक्टूबर 2014

दादू पूरणहारा पूरसी

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू पूरणहारा पूरसी, जो चित रहसी ठाम ।
अन्तर तैं हरि उमग सी, सकल निरंतर राम ॥
पूरक पूरा पास है, नाहीं दूर, गँवार ।
सब जानत हैं, बावरे ! देबे को हुसियार ॥
दादू चिन्ता राम को, समर्थ सब जाणै ।
दादू राम संभाल ले, चिंता जनि आणै ॥

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