#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
सांई दीया दत घणां, तिसका वार न पार ।
दादू पाया राम धन, भाव भक्ति दीदार ॥
धन्य धन्य तूँ धन्य धणी, तुम्ह सौं मेरी आइ बणी ॥ टेक ॥
धन्य धन्य तूँ तारे जगदीश, सुर नर मुनिजन सेवैं ईश ।
धन्य धन्य तूँ केवल राम, शेष सहस्र मुख ले हरि नाम ॥ १ ॥
धन्य धन्य तूँ सिरजनहार, तेरा कोई न पावै पार ।
धन्य धन्य तूँ निरंजन देव, दादू तेरा लखै न भेव ॥
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