गुरुवार, 29 जनवरी 2015


#daduji
जीयें तेल तिलनि में, जीयें गंध फुलनि ।
जीयें माखणु खीर में, ईयें रब्ब रूहनि ॥
ईयें रब्ब रूहनि में, जीयें रूह रगनि ।
जीयें जेरो सूर मां, ठंडो चन्द्र बसंनि ॥

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