#daduji
मैं हूँ मेरी जब लगै, तब लग विलसै खाइ ।
मै नाहीं मेरी मिटै, तब दादू निकट न जाइ ॥
दादू मैं मैं जाल दे, मेरे लागो आग ।
मैं मैं मेरा दूर कर, साहिब के संग लाग ॥
मैं हूँ मेरी जब लगै, तब लग विलसै खाइ ।
मै नाहीं मेरी मिटै, तब दादू निकट न जाइ ॥
दादू मैं मैं जाल दे, मेरे लागो आग ।
मैं मैं मेरा दूर कर, साहिब के संग लाग ॥

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