#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू बुरा न बांछै जीव का, सदा सजीवन सोइ ।
परलै विषय विकार सब, भाव भक्ति रत होइ ॥
सतगुरु संतों की यह रीत, आत्म भाव सौं राखैं प्रीत ।
ना को बैरी ना को मीत, दादू राम मिलन की चीत ॥
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卐 सत्यराम सा 卐
दादू बुरा न बांछै जीव का, सदा सजीवन सोइ ।
परलै विषय विकार सब, भाव भक्ति रत होइ ॥
सतगुरु संतों की यह रीत, आत्म भाव सौं राखैं प्रीत ।
ना को बैरी ना को मीत, दादू राम मिलन की चीत ॥
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साभार : Sachin Bhatt ~
गुरु नानक देव जी की दस शिक्षायें :
१. ईश्वर एक हैं !
२. सदैव एक ही ईश्वर की अराधना करो !
३. ईश्वर सब जगह और हर प्राणी में मौजूद हैं !
४. ईश्वर की भक्ति करने वालो को किसी का भी नहीं रहता !
५. ईमानदारी से और मेहनत करके उदरपूर्ति करनी चाहिए !
६. गुरु कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताए !
७. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए - ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मंगनी चाहिए !
८. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद को भी कुछ देना चाहिए !
९. सभी स्त्री-पुरुष बराबर हैं !
गुरु नानक देव जी की दस शिक्षायें :
१. ईश्वर एक हैं !
२. सदैव एक ही ईश्वर की अराधना करो !
३. ईश्वर सब जगह और हर प्राणी में मौजूद हैं !
४. ईश्वर की भक्ति करने वालो को किसी का भी नहीं रहता !
५. ईमानदारी से और मेहनत करके उदरपूर्ति करनी चाहिए !
६. गुरु कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताए !
७. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए - ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मंगनी चाहिए !
८. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद को भी कुछ देना चाहिए !
९. सभी स्त्री-पुरुष बराबर हैं !
१०. भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी हैं पर लोभ-लालच के लिए संग्रहवृत्ति बुरी है !

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