शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

= १४७ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
निर्मल नाम विसार कर, दादू जीव जंजाल ।
नहीं तहाँ तैं कर लिया, मनसा मांहीं काल ॥
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@Gauri Mahadev ~
पहले जो गाने कुछ पुरुष रात के अंधेरे में मुंह छुपाकर कोठे पर जाकर सुनते थे, आज उसे हम अपने घर में बहन बेटियों के साथ सुनते हैं जिसे हमने 'आइटम सोंग्स' का नाम दिया है। पहले आइटम सोंग्स करने वाले अभिनेत्री को बी ग्रेड में रखा जाता था, आज 'ए ग्रेड' की अभिनेत्री ऐसी अश्लील हरकतों को पर्दे पर दिखाकर अपनी कलाकारी सिद्ध कर पुरस्कार लेती हुई दिखाई देती हैं !!
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पहले पॉर्न फिल्मों की अभिनेत्री को घृणा से देखा जाता था, अब देश के जाने माने निर्देशक उन्हे फिल्मों में ब्रेक देते हैं। अतः अब भारतीय अभिनेत्रियाँ और किशोरियों के लिए फिल्मों में ब्रेक के लिए एक नयी दिशा मिल गयी और इस दिशा में अवश्य पहल करेंगी !!!
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पहले अश्लील फिल्में कामी लोग बंद कमरे में देखते थे, अब वे देश के मुख्यालयों में खुले आम देखी जाती हैं !! पहले हम शराब पीना, गाली देना, जुआ खेलना इसे निकृष्ट कृति मानते थे,अब वह सब हमारे आधुनिक होने के लक्षण हैं !!
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पहले स्त्री के तन से आचल न गिरे ऐसा प्रयास माँ सिखाती थी, अब माँ अपने बच्चियों को पूरे विश्व के सामने नग्न होने के लिए "Beauty Contest" और "Modeling" में ले जाती हैं, जहां Swimming Suit राउंड होता है और पूरे विश्व के लोग उसे आनंद से अपने परिवार के साथ देखते हैं !!
वाह रे 'Modernisation' रूपी असुर, तूने मात्र 50 वर्ष में हमारे लाखों वर्ष की संस्कृति को निगल लिया और भारत को 'इंडिया' बना दिया..

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