#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू राम रसाइन नित चवै, हरि है हीरा साथ ।
सो धन मेरे साइयां, अलख खजाना हाथ ॥
*(श्री दादूवाणी ~ स्मरण का अंग)*
https://youtu.be/XUxXTQ0aRIc
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साभार : @Pannalal Ranga ~
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ।
जय जय श्रीराम ॥
चार आशीर्वाद
तुलसीदासजी लिखते हैं कि यदि हमें जीवन में हनुमानजी की भांति दास्य भाव लाकर भगवान की भक्ति करनी है तो उसके लिए राम रसायन चाहिए । यह राम रसायन क्या है? चार बातों के मिश्रण से जो रसायण बनता है उसे राम रसायन कहते हैं । कृतज्ञता, आत्मीयता की अनुभूति, वात्सल्य का अनुभव और विश्वास, इन चार बातों के मिश्रण से जो रसायण बनता है उसे भाव कहते हैं । यही राम रसायन है।
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राम रसायन यानी भगवान राम के प्रति भाव निर्माण होने के लिए इन चार बातों की आवश्यकता है । हनुमानजी के जीवन में ये चारों बातें थी इसलिए उनका दास्यभाव भी उत्कृष्ट है। मनुष्य के पास राम रसायन की ये चार बातें होनी चाहिए । मनुष्य के पास कृतज्ञता होनी चाहिए । भगवान की वात्सलता पहचाननी चाहिए । उसकी आत्मीयता की अनुभूति आनी चाहिए । इतना करके नहीं चलता उसपर दृढ विश्वास होना चाहिये ।

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